हतुवागढी, भोजपुरको सदरमुकाम घोडेटारमा २०८१ मंसिर २३ र २४ गते सम्पन्न २० औँ बान्तावा साहित्य महोत्सव तथा २० औँ बुङ्वाखा वार्षिकोत्सव २०८१ का अवसरमा आयोजित बान्तावा राष्ट्रिय कविता महोत्सवमा सहभागी कविताहरु मध्ये १० कविता उत्कृष्ट छनौट भई वाचनको अवसर दिइएको थियो । यी मध्ये गान्तोक, सिक्किमका कवि अर्जुन राईको कविता पनि छनौट भएको थियो । उहाँको कविता ‘ए सिप्पो !’ तेस्रो घोषित भई पुरस्कृत भएको थियो । प्रस्तुत छ कविता : 

ए सिप्पो !

अर्जुन राइ

सोनाबुङ बाट्मा अछिरा

आइमिट आन्को बुङ्वाखादा

डाक्बुङ बाट्मा अछिरा

आइमिट आन्को भरचिडा

लिम्चिङ्बुङ नाम्मा अछिरा

आइमिट आन टेनदा

साकेन्वा माकेवा छाम्मा अछिरा

आइमिट आन खोक्लिडा

दि लिसा ए सिप्पो !

खानाआ टेन टछिरा डेङ्सि

बुङ्वाचिआ इमा छे अछिरा

आइमिट आन टेनदा

रोपाखादा चासुम लिम्मा अछिरा

वाटाम खा छे सिप्टाखारा

बाराङ्केन, सिलिकेन साङ्मा अछिरा

बोम्बोलेक्माआ बुङ्वा खाङ्माअछिरा

ङाक्सि, सुन्चुक्सि अछिरा टुमा

नाम्आ सावा अछिरा पमा

दि लिसा ए सिप्पो !


आइमिट आन टेनदा

खाट्नि टटाला ओको बेन्डा ?

हियारि छाम्मा अछिरा किप्माखाआ

साकेन्वा लाक लुमा अछिरा छेत्कुमाचिआ

माबिचि ठोम्मा अछिरा

सारिमा कोकोमा ढिरिन हिडा

दि लिसा ए सिप्पो !


आइमिट आन टेनदा

आन टेनओ साङ्केनबुङ खाट्नि मबारा

टछिराकि पुक्खा खिम

ए सिप्पो ! 

खाट्नि टखारा ?

होराखाराओ पुक्खा खिमआ

खाना ङा बुट्याङ

मामाओ खोप्मा मक्चिआ

खाना ङा ओबेनतारि हुङ्याङ

पापाआ आम्नो लाम खाङ्सा

खोप्पा लिसाचिआओ लाङसुट्डा

लाप्टिखुङ्डा ङे एप्याङ

हान्लो ना ए सिप्पो !

खानाआ मित्मा ङे डोरा

आइ डोङ्लो ए सिप्पो !

खानाआ निहाङ्होन छित्मा ङे डोरा

आइ डोङ ओ साकेन्वादा 

ए सिप्पो ! खाइसाकि छाङ

खानाआ आम खिम लामा ङे डोरा ।

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गान्तोक, सिक्किम, भारत

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